Saturday, July 14, 2018

शहीद जवान का गॉव ग़म मे डूबा,सात्वना देने पहुँचे मंत्री।


naisochnews.blogspot.com
फतेहपुर। विकास खंड मलवॉ का पहुर गॉव जो कल्यानपुर थाना के चौडगरा से बिन्दकी जाने पर तिराहे के पास पड़ता है।27 राजपूत रेजिमेंट मे सिक्कीम के चाइना बार्डर मे तैनात गॉव का जवान ड्यूटी के दौरान अधिक ऊँचाई मे होने के कारण आक्सीजन कि कमी से दौरा पडा और कलकत्ता के सैनिक अस्पताल मे इलाज के दौरान गुरुवार को भोर मौत हो गई जानकारी से पूरे गॉव मे कोहराम मच गया शुक्रवार को शव आने के बाद अंतिम संस्कार हुआ।शनिवार को पूरे गॉव मे शोक कि लहर व्याप्त है हर कोई रवीन्द्र को याद कर रहा है। 2004मे भर्ती होने के बाद जब ट्रेनिंग से रवीन्द्र सिंह लौटे तो गॉव के लल्ला सिंह ने बताया वह मिलने आया और सेना से जुडी तमाम बाते बताई उन्होने नम आखो से बताया आज रवीन्द्र हमारे बीच मे नहीँ है ऐसा एहसास नहीँ होता।रवीन्द्र देशप्रेमी था बचपन से उसे सेना मे जाने का शौक था और जब भर्ती हुआ तो ख़ुशी से मिठाई भी बाटी थी यह बताते हुये उनके आखो से आँसू छलकने लगे।शहीद रवीन्द्र कि पत्नी मधु सिंह बेसुध सी है दोनो बच्चे राज सिंह और पृथ्वी सिंह ग़म मे है पूरे परिवार मे शोक है हर कोई तिरंगे मे लिपटे रवीन्द्र सिंह के शव के मंजर को अपनी आखो से ओझल नहीँ कर पा रहा है।शहीद रवीन्द्र सिंह का बड़ा भाई इन्द्रसेन सिंह और रिश्तेदार अस्थियो को लेकर संगम गये है।शनिवार को पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक शहीद रवीन्द्र सिंह के घर पहुँचे और परिजनो को ढाढस बधाया तथा बच्चे को उठाकर दुलार किया उन्होने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।दोपहर मे उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार एवं लोकप्रबंधन राज्य मंत्री जयकुमार सिंह जैकी शहीद के आवास पहुँचे परिजनो को शहीद के घर से सीसी रोड बनाने का आश्वासन दिया।ग्रामीणो ने शहीद के नाम अस्पताल कि माँग किया राज्यमंत्री ने ग्राम प्रधान गणेश दीक्षित को बुलाकर ग्राम समाज कि भूमि चिन्हित कर अस्पताल के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा।उन्होने कहा प्रस्ताव मिलने के बाद हम स्वास्थ्य मंत्री से अस्पताल कि माँग रखेगे।देर शाम पूर्व मंत्री भाजपा नेता राजेन्द्र पटेल पहुर पहुँचे और शहीद कि मॉ से मिलकर उन्हे दुख कि घड़ी मे ढाढस बधाया सात्वना दी।इस मौक़े पर देवमई मंडल अध्यक्ष अरुण शुक्ला प्रताप भान सिंह पूर्व प्रधान रामसिंह परिहार सतीश तिवारी चन्द्रहास दुबे जय सिंह परिहार बउवा सिंह परिहार रहे।

नई सोच समाचार-आलोक गौड

No comments:

Post a Comment