Wednesday, September 23, 2020

धान की फसल खेतो मे गिरी,किसानो के चेहरे मुरझाए

आलोक गौड़
नई सोच समाचार
फतेहपुर।मलवा विकास खंड के चौडगरा कस्बा क्षेत्र मे तेज हवा के साथ हुई बारिश से धान की फसल बिछ गई है।इससे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।इस समय धान की फसल तैयार है।कई जगह कटाई का काम भी शुरू हो चुका है।लेकिन अधिकतर किसानों की फसल खेतों में खड़ी है।खेतों में लहलहाती धान की फसल देखकर किसानों के चेहरे पर चमक थी।इस बार धान की बंपर फसल होने की उम्मीद से किसान गदगद थे।लेकिन, क्या पता था कि मौसम का बदला मिजाज उनके अरमानों पर पानी फेर देगा।दो दिन से लगातार रुक रुक के हो रही बारिश के बाद बुद्धवार की रात को कुछ ऐसा ही हुआ की देर रात तेज हवा के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने एक तरफ जहां लोगों को गर्मी से राहत मिल गई तो दूसरी ओर यह हवा और बारिश कई किसानों के लिए बर्बादी की वजह बन गई।खेतों में खड़ी धान की फसल बिछ गई।इससे किसानों के चेहरे लटक गए हैं।
कस्बा क्षेत्र के जलाला,पहुर,अलीपुर,साई आदि गावों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।एक तो फसल गिर गई।कई खेतों में पानी भर गया है।इससे धान काला पड़ सकता है।तैयार फसल बर्बाद होने से किसान सकते में आ गए हैं।किसानों का कहना है कि पिछले कई साल से फसल साथ नहीं दे रही है।पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था।किसान पिछले साल का बैंक द्वारा लिया कर्ज चुका नहीं पाए थे कि इस बार कर्ज का बोझ एक बार फिर बढ़ जाएगा।खेतों में गिरी फसल देखकर किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।

बोले किसान 
किसानो ने बया किया अपना दर्द
1)किसान ओमप्रकाश सैनी ने बताया कि उन्होंने ढाई बीघा में सरबती लगाई थी।फसल तैयार हो गई थी।काटने की तैयारी में लगे थे।तेज हवा से फसल गिर गई।फसल गिरने से 20 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान फसल में हो गया है।
2)रामबाबू का कहना है कि बारिश से धान की फसल बिछ गई है।कई साल से फसल में नुकसान हो रहा है।इस बार फसल अच्छी थी,इसलिए पैदावार भी अच्छी होने की उम्मीद थी।लेकिन तेज हवा से फसल बिछ गई है।
3)राजू सैनी का कहना है की पिछ्ले साल भी मौसम की मार से फसल चौपट हो गई थी और इस बार भी धान खेतो मे बर्बाद हो जायेगा।बेमौसम बारिश से अच्छी पैदावार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
4)रघुराज उर्फ मुनींम ने कहा संकटकाल मे कर्ज लेकर धान की फसल तैयार किया था।लागत के साथ मेहनत भी चली गई।कई साल से किसान घाटे मे जा रहा है।किसान निराश हो चुका है आखिर करे तो क्या  करे।

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