Friday, March 5, 2021

अमौली के लाल ने उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से बढाया जिले का मान

अमौली के लाल ने उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से बढाया जिले का मान

आलोक गौड़
फतेहपुर(नई सोच)।खेतों में मजदूरी करने वाले एक किशोर के सपने बड़े थे।उसने अपने गांव के सरसों के जैसे खेत ही बड़े परदे पर देखे और इन सरसों के पीले फूलों के बीच एक दिन शाहरुख खान की तरह हाथ फैलाकर खड़े होने का अरमान उसे मुंबई ले आया।ये मजदूर अब हिंदी मनोरंजन जगत का चर्चित सितारा बन चुका है।पूरा कोरोना काल उन्होंने गुमनामी में बिता दिया,जबकि मोबाइल और स्मार्ट टीवी पर उनकी पहली वेब सीरीज देख लोग तालियां बजा रहे थे।जब उन्हे इसी का परिणाम अपने प्रदेश मे गौरव सम्मान के रूप मे मिला तो खुशी का ठिकाना नही था।हम बात कर रहे फतेहपुर के अमौली कस्बा निवासी दिलीप आर्या की।बचपन मे सात रुपए की दिहाडी कर जो स्वप्न देखा उन्हे पूरा करने का सफर तय किया तो मायानागरी मुंबई पहुच गये।मेरे साथ(नई सोच आलोक गौड़)बातचीत मे दिलीप आर्या ने कहा 
मैं शुक्रगुजार हूं जो मेरे काम को लोगों से इतना प्यार मिला।आपकी मेहनत को सराहा जाना अच्छा है और मुझे उम्मीद है कि फिल्म निर्माताओं ने मेरे काम को ध्यान दिया होगा और अब वे मुझे एक एक्टर के रूप में खुद को और एक्सप्लोर करने का मौका देंगे।''इस सम्मान का हकदार मै ही नही अपितु मेरे साथ जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति है।आपको बताते चले तानाशाह फिल्म व बीहड़ का बागी वेब सीरीज से चर्चित हुए फतेहपुर जनपद के अमौली कस्बा निवासी अभिनेता दिलीप आर्य को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित किए जाने पर कस्बे में खुशी का माहौल है।आपको बताते चलें कि इससे पहले बेस्ट अभिनेता का अवार्ड भी दिलीप आर्य को मिल चुका है।शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से दिलीप आर्य को सम्मानित किया गया है।यह सम्मान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एवं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा के द्वारा दिया गया।जिले के अमौली निवासी दिलीप आर्य के मित्र प्रकाशवीर आर्य ने कहा की यह जिले के लिये गर्व और गौरव की बात है।जहा सिनेमा की चकाचौध मे सितारे खो जाते है वही दिलीप आज भी गाव से जुड़े है अपने मित्रो से उतना ही लगाव है यही सादगी उनकी उनके किरदार मे भी झलकती है।

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