Saturday, May 23, 2020

लेकर कोरोना गाव मे मजदूर आ गये......सिर्फ भाषण मे इनके मै कोहिनूर हू,हा मै मजदूर हू...

विशेष: 
 
👉फेसबुक पेज मे लाईव काव्य पाठ कर रुलाया
आलोक गौड़
फतेहपुर(नई सोच)।कोरोना महामारी से उपजे अवसाद से गिरे मानव मन को शांति प्रदान करने के लिए जिले के फेसबुक पेज अमौली फ्रेंड क्लब फेसबुक द्वारा प्रतिदिन शाम 5:00 बजे "काव्य श्रंखला" नाम से लाइव काव्य प्रसारण कार्यक्रम चल रहा है।जिसमें जिले सहित विभिन्न जनपदों व प्रदेशों के नामी कवि शाम 5:00 बजे फेसबुक पेज पर लाइव आकर के काव्य पाठ करके अपनी कविताओं से भाव विभोर कर रहे हैं।लाकडाऊन की इस अवधि में अमौली फ्रेंड क्लब द्वारा यह काव्य श्रंखला लोगों को काफी भा रही है।साहित्य क्षेत्र से जुड़े लोगों को शाम 5:00 बजे अन्य काम नहीं भाते हैं वह अपने मोबाइल पर बैठकर के काव्य पाठ सुनते हैं। कवि लगातार अपनी कविताओं से लोगों को स्वस्थ मनोरंजन भी कर रहे हैं और उनको काव्य रस से सुकून भी प्रदान कर रहे हैं। शनिवार शाम इस फेसबुक पेज पर हुए काव्य पाठ ने हर किसी को भाव विभोर कर दिया। फतेहपुर जिले के युवा कवि शिवम हथगामी ने अपनी काव्य पाठ  से आनलाइन श्रोताओ को रुला दिया।उन्होंने वर्तमान हालत में कोरोना महामारी के कारण मजदूरों की जो हालत हुई उसको अपनी काव्य रचनाओं से बयां किय। जिसके बाद काव्य श्रंखला कार्यक्रम को सुन रहे लोगों ने दिल खोल कर के लाइक, टिप्पणी व कार्यक्रम को शेयर किया है।लाईव विडियो को देखने वालों की संख्या भी तेज गति से बढ़ती जा रही है।शिवम हथगामी ने पढ़ा 

हालात ने जब कर दिया मजदूर आ गए,
ख्वाबों को अपनी चूर-चूर आ गए, 
नाकामियां छुपाने को साहब कहेंगे कल,
लेकर कोरोना गांव में मजदूर आ गए...।

इसी तरीके से उन्होंने मुश्किल की घड़ी में जन-जन का साथ निभा रहे कोरोना योद्धाओं का आभार व्यक्त किया।आगे उन्होंने पढ़ा

 हां मैं मजदूर हूं..हां मैं मजदूर हूं,
कि दूर सर से हुई पगड़िया कह गई,
जिस्म की एक-एक बोटिया कह गई,
मेरी लाचारी-बेबसी की कथा,
पटरियों पर पड़ी रोटियां कह गई,
सिर्फ भाषण में इनके मै कोहिनूर हूं,
हां मैं मजदूर हूं ,हां मैं मजदूर हूं...। 

इस काव्य पाठ का लाइव प्रसारण सुनकर के लोग भाव विभोर हो गए।

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