Sunday, May 24, 2020

.......भूख से उसका दम ये निकल जायेगा,काव्य पाठ कर किया मंत्रमुग्ध (आलोक गौड़ की खबर)

जिस वतन का नमक रोज खाते हो तुम,ठगी इस कदर मत करो....
.......भूख से उसका दम ये निकल जायेगा
युवा कवि ने लाईव काव्य पाठ कर किया मंत्रमुग्ध
आलोक गौड 
नई सोच
फतेहपुर।लॉकडाउन के कारण सामाजिक ही नहीं साहित्यिक गतिविधियों पर भी पूर्ण विराम लग गया है।प्रतिबंधों के कारण कोई भी साहित्यिक गोष्ठी,कवि सम्मेलन, विमोचन आदि कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं।साहित्य जगत सुप्त प्रायः हो गया था,परंतु नवीनतम तकनीक ने लेखकों,कवियों,साहित्यकारों को कुछ हद तक राहत प्रदान की है।अब वाट्सएप ग्रुप,फेसबुक, जूम,वेबिनार के माध्यम से साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है,जिससे सभी साहित्यकार एक दूसरे से लगातार जुड़े हुए है,बल्कि नई-नई रचनाओं का नित सृजन हो रहा है। सभी की सक्रियता लगातार बनी हुई है।फेसबुक पेज अमौली फ्रेंड्स क्लब द्वारा इन दिनो शाम पाच बजे प्रतिदिन अलग अलग कवियो को प्रस्तुत किया जा रहा है जो अपनी रचनाओ से आनलाइन काव्य पाठ कर लोगो के मन मे शांती पहुचा रहे है।रविवार शाम हसवा ब्लाक के मटिहा गाव निवासी युवा श्रंगार कवि डा.विकास चौरसिया पेज पर लाईव थे उन्होंने संकट के इस दौर मे भी वतन से ठगी करने वालो पर कटाक्ष किया और पढा देश को ऐसे तुम दरबदर मत करो,शुद्ध वातावरण को जहर मत करो,जिस वतन का नमक रोज खाते हो तुम,उस वतन से ठगी इस कदर मत करो।आगे उन्होने शहर से गाव जा रहे प्रवासी मजदूरो की हालत को बया किया और उन्होने सुनाया जब शहर से निकलकर वो घर जायेगा,वो गरीबी से तब कुछ सम्भल पायेगा,वो मरे न मरे इस कोरोना से पर,भूख से उसका दम ये निकल जायेगा।ऐसी ही तमाम काव्य रचनाओ को विकास ने एक घंटे तक जारी रखा।और अंत मे श्रंगार रस की कविताओ से मंत्र मुग्धकर दिया।

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